वरà¥?तमान मे लोग मातà¥?र परमातà¥?मा दरà¥?शन तक रà¥?क जाते है। आगे बà¥?कर पà¥?रà¤à¥? पà¥?जा नही करते। पà¥?जà¥?य गà¥?रà¥?à¤à¤—वंतो की पà¥?रेरणा पाकर बहà¥?त सारे शà¥?रावक-शà¥?राविका à¤?वं यà¥?वा लडके-लडकियों ने पूजा शà¥?रू की और सिरà¥?फ à¤?क सपà¥?ताह/ à¤?क महिने मे पूजा के कारण अपने जीवन में तरकà¥?की/ उनà¥?नति को चरितारà¥?थ होते देखा है। जैसे-जैसे à¤à¤•à¥?तà¥?तों के जीवन मे पà¥?रà¤à¥?पूजा à¤?वं पà¥?रà¤à¥? à¤à¤•à¥?तà¥?ति बढे़गी वैसे-वैसे तरकà¥?की और आनंद बढता ही रहेगा।
धरà¥?मपà¥?रेमी परिवार ने पà¥?रà¤à¥? à¤à¤•à¥?तà¥?ति बढाने हेतà¥? पà¥?रà¤à¥? पूजा करने वालों को पà¥?रोतà¥?साहित करने के लिà¤? "धरà¥?मपà¥?रेमी जिनà¤à¤•à¥?तà¥?त उतà¥?करà¥?ष योजना" शà¥?रू की हैं। इस योजना के तहत नियमित रà¥?प से पà¥?रà¤à¥?पूजा करने वालो को कà¥?रमश: अषà¥?ट पà¥?रकारी पूजा के उपकरण के आकरà¥?षक सà¥?वरà¥?णिम सेट (थाली, कटोरी, धूप दानी, दीपक, आदि) से समà¥?मानित किया जा रहा हैं।वरà¥?तमान में इस आयोजना का लाठशà¥?री पà¥?रणय à¤à¤¾à¤ˆ महेता (सूरत वालो) ने लिया है।

इस योजना के तहत पà¥?रà¤à¥? à¤à¤•à¥?तों को हजारों वरà¥?ष पà¥?राचीन तीरà¥?थों की अमूलà¥?य विरासत के साथ जोड़ने हेतà¥? तीरà¥?थ यातà¥?रा का à¤à¥€ आयोजन किया जाता हैं। पलà¥?लीवाल कà¥?षेतà¥?र में बडी संखà¥?या में à¤?से लोग हैं जिनà¥?होंने 60-70 साल की उमà¥?र होने पर à¤à¥€ अपने जीवन में शतà¥?रà¥?ंजय महातीरà¥?थ के दरà¥?शन नहीं किये हैं, यातà¥?रा नहीं की । à¤?से à¤à¤•à¥?तजनों को à¤?से महातीरà¥?थों की यातà¥?रा करवाने का आयोजन इसी योजना के तहत होता है । जनवरी 2017 को 120 यातà¥?रियों को शतà¥?रà¥?ंजय à¤?वं गिरनार तीरà¥?थ की यातà¥?रा कराई गई । पूजà¥?य आचारà¥?य à¤à¤—वंत शà¥?री मà¥?कà¥?तिवलà¥?लठसूरि जी à¤?वं शà¥?री उदयवलà¥?लठसूरि जी की पà¥?रेरणा से इस यातà¥?रा का समà¥?पूरà¥?ण लाठà¤?ील चेतन à¤à¤¾à¤ˆ शाह के आतà¥?मशà¥?रेयारà¥?थ सà¥?à¤à¤¦à¥?राबहन रसिकलाल शाह (घोघा वाला) परिवार निवासी- मà¥?मà¥?बई ने लिया था ।